राजेश मिश्र
देशभर में जहां दूध के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं उत्तर भारत और महाराष्ट्र की प्रमुख डेयरियों द्वारा दूध के खरीद मूल्य में कटौती की जा रही है। मिल्क पाउडर में 20-30 रुपये प्रति किलो घटकर 290-310 रुपये प्रति किलो हो चुका है, जबकि बटर की कीमत में 25 से 30 रुपये प्रति लीटर कम करके 390-405 रुपये प्रति केजी कर हो चुका है.
इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रूपिंदर सिंह सोढ़ी का कहना है कि गर्मियों का सीजन खत्म होने के बाद दूध के दाम में कमी देखी जा सकती है. गौरतलब है कि गर्मी के सीजन में आइसक्रीम, दही, छाछ आदि प्रोडक्ट्स की वजह से दूध की डिमांड बढ़ जाती है इस बार बारिश की वजह से गर्मी का मौसम शुरू होने में देरी हुई है.
इस वजह से आइसक्रीम, दही, मक्खन और अन्य उत्पादों में ग्रोथ कम रही है और मांग चरम पर नहीं पहुंच पाई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली के कुछ हिस्सों में डेयरी प्रोजेक्ट और मक्खन की कीमतों में कमी आई है.
यदि डेयरी विशेषज्ञों की माने तो दूध के खरीद मूल्य पर कटौती के बावजूद इसका लाभ ग्राहकों को नहीं मिलेगा. जिसका मतलब यह है कि, खुदरा दूध की कीमत में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि अधिकारियों का कहना यह है कि, ग्राहकों के लिए सिर्फ एक राहत होगी कि कुछ महीनों तक दूध के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखने को मिलेगी।, जिसका अर्थ है कि खुदरा दूध की कीमत में कोई बदलाव नहीं होगा. आपको बता दें कि दूध की किल्लत के चलते स्किम्ड मिल्क पाउडर और व्हाइट बटर के दाम में भारी इजाफा हुआ है, हालांकि एसपीएम और बटर के दाम में भी पिछले दो हफ्तों से 5 से 10 फीसदी तक की कमी आई है. 3 रुपये से 5 रुपये प्रति लीटर की कमी की गई है। दूध पाउडर 20-30 रुपये प्रति किलो गिरकर 290-310 रुपये प्रति किलो हो गया है, जबकि मक्खन 25-30 रुपये प्रति लीटर गिरकर 390-405 रुपये प्रति किलो हो गया है।